Our Story
शादी का दबाव
यदि आप पर भी शादी के लिए दबाव डाला जा रहा है, आपको ताने दिए जाते हैं, और बार-बार यह कहा जाता है कि
यदि आप पर भी शादी के लिए दबाव डाला जा रहा है, आपको ताने दिए जाते हैं, और बार-बार यह कहा जाता है कि आपको कोई रिश्ता नहीं मिलेगा—भले ही लड़का कैसा भी हो, उसे स्वीकार कर लो—तो यह सोचने का समय आ गया है। लोग अक्सर यह मानते हैं कि केवल पैसा महत्वपूर्ण है और इसी आधार पर शादी का फैसला कर लेना चाहिए। हमेशा से लड़की को ही समझौता करने के लिए मजबूर किया जाता है। मां-बाप के लिए शादी कर लो, समाज के लिए कर लो, दादा-दादी, नाना-नानी के सपने पूरे करने के लिए कर लो, वंश बढ़ाने के लिए कर लो—आखिर यह सब क्या है?
इतनी आधुनिकता के बावजूद, ऐसी सोच क्यों है कि लड़की को अपनी खुशियों के बारे में सोचने का कोई हक नहीं है? क्यों किसी लड़की से यह नहीं पूछा जाता कि वह क्या चाहती है, उसकी खुशी, उसकी इच्छाएं और सपने क्या हैं? केवल अपनी पसंद-नापसंद और रीत-रिवाज थोपने की होड़ में हर कोई लगा रहता है। क्यों नहीं किसी लड़की से कहा जाता कि वह गुणी है, सुंदर है? चाहे लड़की कितनी भी योग्य और काबिल हो, लोगों को उसमें सिर्फ कमियां ही नजर आती हैं—तुम गोरी नहीं हो, तुम मोटी हो, तुम्हारे बाल अच्छे नहीं हैं, तुम खाना अच्छा नहीं बनाती हो। जबकि लड़का चाहे जैसा भी हो, उसकी हमेशा तारीफ की जाती है—“तुमसे तो लाखों लड़कियां शादी करने के लिए तैयार हो जाएंगी।”
प्रश्न यह उठता है कि क्या सिर्फ लड़के को ही लड़की पसंद करने का अधिकार है? उसने किसी को चुना तो ठीक, नकारा तो लड़की में खोट? यह कहां का नियम है? अब समय आ गया है कि हर लड़की को अपने लिए जागरूक होना पड़ेगा और अपनी भावनाओं को व्यक्त करना सीखना होगा। अपने सपनों का गला मत घोंटिए। भावनात्मक दबाव या समाज के तानों में आकर इतना बड़ा जिंदगी का फैसला न लें।
अगर आप किसी लड़के को पसंद नहीं करती हैं, तो साहस दिखाइए और अपनी बात खुलकर कहिए। “ना” कहने का अधिकार केवल लड़कों का नहीं है। यदि रिश्ता पसंद नहीं है, तो साफ मना करें। अगर आप ऐसा नहीं करेंगी, तो जीवनभर पछताने का खतरा है।
और सबसे महत्वपूर्ण बात—अपने अंदर कमियां ढूंढना बंद करें। अपने गुणों और योग्यता को पहचानें। हर लड़की सुंदर, शक्ति संपन्न, योग्य और काबिल है। अपनी शक्ति को पहचानें। अगर शादी में देरी हो भी गई तो कोई बात नहीं, आपको एक ऐसा जीवनसाथी मिलना चाहिए जो हर कदम पर आपका साथ दे, प्यार और सम्मान दे, आपकी भावनाओं को समझे और आपको उसी रूप में स्वीकार करे जैसी आप हैं।
इसलिए सोच-समझकर शादी का फैसला लीजिए। किसी के दबाव में मत आइए। प्राचीन काल से ही स्वयंवर की प्रथा रही है, और हर लड़की को अपना जीवनसाथी को चुनने का अधिकार है। सही साथी चुनें और आत्मनिर्भर और सशक्त बनें। अपना निर्णय स्वयं लें।
Every girl in the world has the right to choose her life partner.