Our Story
Love और Attraction
परिचय दोस्तों, यह कहानी आज के हर युवा की जिंदगी से रिलेट करती है, जो "प्यार और भ्रम" में अंतर
परिचय
दोस्तों, यह कहानी आज के हर युवा की जिंदगी से रिलेट करती है, जो "प्यार और भ्रम" में अंतर नहीं समझते। कई युवा तो रिस्पॉन्सिबिलिटी को बोझ समझते हैं और धोखे को प्यार समझने लगते हैं, जबकि सच्चे प्यार को अवॉइड करते हैं। ऐसी ही गलती हमारी कहानी की नायिका साक्षी ने भी की, लेकिन उसकी जिंदगी बर्बाद होने से बच गई। क्यों? क्योंकि साक्षी के पास सच्चा प्यार था, और साक्षी उसे समझ नहीं पा रही थी। आइए जानते हैं कि कौन है साक्षी का सच्चा प्यार और उसने साक्षी की जिंदगी को बर्बाद होने से कैसे बचाया।
वह प्यार अभय है, जो एक जिम्मेदार, सच्चाई और अच्छाई से भरा हुआ सुंदर नौजवान है।
अभय का परिचय और पारिवारिक पृष्ठभूमि
अभय की फैमिली में उसकी माँ और छोटी बहन है। अभय जब 12वीं क्लास में था, तब उसके पापा की डेथ हो गई थी। इसके बाद अभय ने पार्ट-टाइम जॉब करके अपनी 12वीं और कॉलेज की पढ़ाई पूरी की। उसने अपनी फीस के लिए ओवरटाइम तक किया। अभय को उसकी कड़ी मेहनत के बल पर एक अच्छी नौकरी मिली। वह एक सॉफ्टवेयर सॉल्यूशन कंपनी में वेब डेवलपर है।
अभय अपनी माँ और बहन से बहुत प्यार करता है और उनकी हर छोटी-बड़ी जरूरत का ख्याल रखता है। उसकी छोटी बहन अभी 10वीं क्लास में पढ़ती है। अभय एक अच्छा बेटा, अच्छा भाई और बहुत अच्छा इंसान है। ऑफिस में भी अभय अपने फ्रेंड्स और कॉलीग्स की मदद करता है। वह सबकी प्रॉब्लम्स को जल्दी ठीक कर देता है।
तो ये था अभय का प्रभावशाली व्यक्तित्व।
साक्षी का परिचय और पारिवारिक पृष्ठभूमि
अब जानते हैं साक्षी के बारे में। साक्षी की फैमिली बहुत सुंदर और केयरिंग है। उसके मम्मी-पापा और एक छोटा भाई है। साक्षी लाड़ और प्यार से पली-बढ़ी लड़की है, जो जिम्मेदारियों को नहीं समझती। वह केवल लेना जानती है, देना उसे नहीं आता, क्योंकि उसने जिंदगी में सिर्फ पाया है, खोया कुछ भी नहीं।
साक्षी बहुत प्यारी, चुलबुली और क्यूट टाइप की लड़की है। उसकी स्माइल और ड्रेसिंग सेंस काफी अच्छा है। उसे बहुत-बहुत प्यार करने वाला शख्स चाहिए।
तो ये थे हमारी कहानी के हीरो और हीरोइन, जो एक-दूसरे से बहुत अलग हैं और उनकी विचारधारा भी बहुत अलग है।
साक्षी और अभय की पहली मुलाकात
साक्षी और अभय की पहली मुलाकात बहुत ही इंटरेस्टिंग है। साक्षी को बहुत बोलने और जल्दी-जल्दी चलने की आदत है। वह कहीं भी रुकना नहीं चाहती और बिना हँसे बात नहीं कर सकती। साक्षी की यह पहली जॉब थी, और वो भी अभय के ऑफिस में। साक्षी एक ग्राफिक डिजाइनर है।
जॉब के पहले दिन साक्षी आधी घबराई हुई थी, आधी मुस्कुरा रही थी। वह ऑफिस के काम को समझने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसे प्रोजेक्ट समझ नहीं आ रहा था। वह रोने लगी। उसी वक्त सामने से अभय आ रहा था। उसने साक्षी का हँसना और रोना दोनों देखा। अभय को तो सबकी मदद करने की आदत थी, तो वह साक्षी के पास आया और बड़े प्यार से पूछा, "मैम, क्या मैं आपकी हेल्प कर सकता हूँ?"
साक्षी कभी हँसती, कभी रोती और चिल्लाते हुए कहती, "सर, यह कैसा प्रोजेक्ट है? मुझे भाव ही नहीं दे रहा। मैं जितना इसके पास जाती हूँ, उतना यह मुझसे दूर हो जाता है। क्या आप इससे मिल सकते हैं?" अभय, साक्षी की मासूमियत भरी बातें सुनकर हँसने लगा और उसे काम समझा दिया।
अब तो रोज का यही सिलसिला चल पड़ा। जब भी साक्षी को ऑफिस वर्क में कोई प्रॉब्लम होती, वह अभय के पास चली जाती। अभय झट से उसे सॉल्व कर देता। साक्षी बात-बात पर अभय का हाथ पकड़ लेती, जिससे अभय अनकम्फर्टेबल हो जाता और थोड़ा दूर हटने की कोशिश करता। लेकिन हमारी तूफान मेल साक्षी कहाँ मानने वाली थी? वह अभय के पास जाने का कोई मौका नहीं छोड़ती थी।
साक्षी ने कई बार ऑफिस के बाहर भी अभय से मिलने की कोशिश की, लेकिन अभय मना कर देता। साक्षी को अभय से प्यार हो गया था, और अभय को भी साक्षी से प्यार होने लगा था। लेकिन अभय साक्षी को यह एहसास होने नहीं देता था। कारण था अभय की जिम्मेदारियाँ – अपनी माँ और बहन के लिए। ऐसे ही 6 महीने बीत गए।
साक्षी और अभय के प्यार का इकरार
एक दिन साक्षी ने अभय का हाथ पकड़ कर कह दिया, "अब सर, मैं एक प्रोजेक्ट के पीछे इतने दिनों से पड़ी हूँ। वो प्रोजेक्ट है कि मुझे भाव ही नहीं दे रहा। मुझसे दूर भागता है, मेरी बात ही नहीं सुनता। आप हर प्रॉब्लम सॉल्व कर देते हैं, तो यह प्रॉब्लम भी सॉल्व कर दीजिए, नहीं तो मैं आपको जाने नहीं दूँगी।"
अभय बस साक्षी की आँखों में देखता रह गया और नम आँखों से बोला, "साक्षी, तुम्हारी यह प्रॉब्लम कभी सॉल्व नहीं हो सकती, क्योंकि उस प्रोजेक्ट को प्यार करने की इजाजत नहीं है। उसकी माँ और बहन है, और घर की बहुत सारी जिम्मेदारियाँ हैं। तो बेहतर होगा कि तुम उस प्रोजेक्ट में काम करना छोड़ दो।"
इतना सुनते ही साक्षी एटम बम की तरह फट गई और अभय के गले लग कर जोर-जोर से रोने लगी। उसने कहा, "मैं तुमसे इतना प्यार करती हूँ और तुम मुझसे इतना दूर भागते हो। ठीक है, तुम्हारी फैमिली की तरफ रिस्पॉन्सिबिलिटी है, जिम्मेदारियाँ हैं, तो मैं कहाँ तुम्हें भगा कर ले जा रही हूँ? हम कपल बनकर तो रह सकते हैं। जब तुम्हें ठीक लगेगा, तो हम शादी कर लेंगे।"
अब अभय भी पिघल गया और साक्षी को गले लगा लिया। रोते हुए उसने अपने दिल की सारी बात साक्षी से कह दी, "मैं भी हर घड़ी, हर पल तुम्हें याद करता हूँ। तुमसे प्यार करता हूँ। तुम्हारा हँसना, मुस्कुराना, तेज चलना, लड़ना, झगड़ना – मुझे सब अच्छा लगता है। यहाँ तक कि तुम्हारा गुस्सा भी अच्छा लगता है। तुम्हारी आवाज तो मुझे सबसे ज्यादा पसंद है। तुम्हारी आँखों में देखता हूँ, तो ऐसा लगता है यही मेरा जीवन है। I love you, साक्षी।"
यह सब सुनकर साक्षी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने कहा, "आज मुझे मेरा असली प्रोजेक्ट मिल गया। अब सर, आपने तो सचमुच में मेरी सारी प्रॉब्लम सॉल्व कर दी। आप बहुत अच्छे हैं।" और दोनों एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर हँसने लगे।
कितना सुंदर और कितना सच्चा प्यार है!
प्यार का सफर
अब यहाँ से साक्षी और अभय के प्यार का सफर शुरू हो गया। दोनों ऑफिस के बाहर भी मिलने लगे। अभय इतना ईमानदार और अच्छा लड़का था कि उसने साक्षी को अपनी माँ और बहन से मिलवाने के लिए अपने घर ले गया, ताकि साक्षी उसका घर-परिवार दोनों देख और समझ सके।
अभय अपनी फैमिली की रिस्पॉन्सिबिलिटी के साथ-साथ साक्षी का भी ख्याल रखता था। ऑफिस में भी उसकी हेल्प करता। सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन अभय और साक्षी की जिंदगी में कौन सा ऐसा मोड़ आया, जिससे इनका रिश्ता डगमगाने लगा? आइए जानते हैं।
नया मोड़: अभय की जिम्मेदारियाँ
अभय की माँ की तबीयत अचानक खराब हो गई, और उसकी बहन प्रीति, जो एक टॉपर है, उसे 1 महीने के लिए स्कूल कॉम्पिटिशन के कारण बाहर जाना पड़ा। अभय अपनी माँ की देखभाल में लग गया। साथ ही, अपनी बहन को हाई एजुकेशन देने के लिए वह फ्रीलांस वर्क भी करता था। जॉब के साथ-साथ दूसरी कंपनियों के लिए भी काम करता था।
अभय का शेड्यूल इतना बिजी था, फिर भी वह साक्षी से कनेक्ट रहता था। उसके दिल में साक्षी के लिए बहुत गहरी फीलिंग्स थीं। लेकिन साक्षी को बहुत ज्यादा केयर की आदत थी, क्योंकि उसके घर का माहौल ही ऐसा था। वह अभय से भी यही एक्सपेक्ट करती थी कि अभय उसे पूरा अटेंशन दे।
अभय साक्षी के लिए कई तरह के एफर्ट्स करता था। वर्कलोड के बावजूद उसने साक्षी को कभी अकेला नहीं छोड़ा। लेकिन साक्षी को अभय से हमेशा शिकायत ही रहती थी, "तुम इतने बिजी क्यों रहते हो? चलो हम यहाँ चलते हैं, चलो हम वहाँ चलते हैं, घूमेंगे।"
अभय सारी बातें साक्षी से शेयर करता था। वह कहता, "अभी मम्मी की तबीयत सही नहीं है। प्रीति भी घर पर नहीं है, तो मुझे जल्दी घर जाना होगा।" लेकिन साक्षी को लगता था कि अभय का सारा टाइम ब्लॉक है। इसी मैटर को लेकर दोनों में थोड़े-थोड़े झगड़े भी होने लगे।
साक्षी और अभय के बीच दूरियाँ
अब तो किसी के ऑफिस में आने से इनके झगड़े और दूरियाँ दोनों ही बढ़ गए। आइए जानते हैं वो विलेन टाइप का शख्स कौन है।
ऋषि एक प्लेबॉय जैसा है, जो लड़कियों को एक खिलौना और टाइमपास की चीज समझता है। उसे न तो लाइफ की वैल्यू है, न किसी की फीलिंग्स की। वह दिखावे और छल-कपट से भरा हुआ है। लेकिन लड़कियों से ऐसा बिहेव करता है, जैसे वह उनका सबसे अच्छा दोस्त और हितैषी हो।
साक्षी बहुत खूबसूरत और मासूम थी। इसलिए ऋषि की नजर सबसे पहले साक्षी पर पड़ी। उसने सोचा, "जब तक इस शहर में और ऑफिस में हूँ, तब तक साक्षी के साथ टाइमपास कर लेता हूँ।" ऋषि तो लड़कियाँ पटाने में एक्सपर्ट था। उसने धीरे-धीरे साक्षी को इम्प्रेस करने की कोशिश शुरू कर दी। बात-बात पर उसकी तारीफ करता, उसकी केयर करता, बिल्कुल फैमिली मेंबर की तरह।
साक्षी भी धीरे-धीरे ऋषि की तरफ अट्रैक्ट होने लगी। प्यार नहीं, पर वह झूठी स्माइल और झूठी केयर को अपना बेस्ट फ्रेंड समझने लगी, और ऋषि के मायाजाल में फँस गई।
अभय यह सब देखकर भी चुप था। जब भी अभय साक्षी से बात करना चाहता, तो वह ऋषि के साथ बिजी हो जाती। साक्षी अभय को अवॉइड करने लगी। लेकिन अभय साक्षी पर भरोसा करता था। वह उससे सच्चा प्यार करता था, इसलिए चुपचाप सब कुछ सहन कर रहा था। वह सोचता था, "आज साक्षी मुझसे नाराज है, लेकिन ज्यादा दिनों तक वह मुझसे नाराज नहीं रह सकती। वह जरूर मान जाएगी।"
साक्षी का सच से सामना
ऑफिस के बाद अभय अपनी बाइक लेकर साक्षी के पास आया और बड़े प्यार से कहा, "आइए मैडम, मैं आपको घर तक छोड़ देता हूँ।" लेकिन साक्षी ने अभय के सामने ही ऋषि के साथ उसकी कार में बैठकर चले गई।
ऋषि ने बहाना बनाकर साक्षी से कहा, "मुझे एक दवाई लेनी है। मुझे माइग्रेन का पेन हो रहा है। पहले मेरे घर चलते हैं, फिर तुम्हें तुम्हारे घर छोड़ दूँगा।" साक्षी उसकी मीठी-मीठी बातों में जल्दी अट्रैक्ट हो रही थी और झट से हाँ कह दिया।
अब ऋषि का नाटक शुरू हुआ। वह साक्षी से इमोशनल बातें करने लगा और उसके करीब जाने की कोशिश करने लगा। साक्षी उससे दूर हटती रही। फिर भी वह साक्षी के साथ कुछ गलत करने के इरादे से उसे पकड़ने की कोशिश करने लगा। साक्षी ने उसे जोर का एक थप्पड़ मारा और कहा, "मैंने तुमसे ऐसी उम्मीद नहीं की थी।"
ऋषि ने उसे जोर से पकड़ लिया और कहा, "क्या मैं ऐसे ही तुम्हारे आगे-पीछे घूम रहा हूँ? पागल समझा है क्या? किस जमाने की हो मैडम? ये मॉडर्न जमाना है। अब सब कुछ भूल कर मैं जो कहता हूँ वो करो, नहीं तो ऐसा बदनाम करूँगा कि किसी को मुँह दिखाने लायक नहीं रहोगी।" और वह साक्षी के साथ जबरदस्ती करने लगा।
इतने में ही अभय की एंट्री हुई। अभय ने झट से साक्षी का हाथ पकड़ कर अपने पास ले लिया और कहा, "साक्षी मैडम, ये हाथ मैंने छोड़ने के लिए नहीं पकड़ा था।" साक्षी अभय की आँखों में देखकर रोने लगी, क्योंकि अभय की आँखें हमेशा सच्चाई और आत्मविश्वास से भरी होती थीं। साक्षी सोचने लगी, "मैंने इस सच्चाई को ठुकराकर झूठ का रास्ता क्यों चुना?"
अब ऋषि चिल्लाने लगा, "निकल जाओ मेरे घर से!" अभय ने इतनी बुरी तरह से ऋषि को मारा कि साक्षी हैरान हो गई। उसने सोचा, "इतना सिंपल इंसान ऐसी फाइट कैसे कर सकता है?" अभय साक्षी के पास आया और कहा, "साक्षी जी, इतना मत चौंकिए। मैं कराटे में ब्लैक बेल्ट हूँ।"
साक्षी अभय के गले लग कर रोने लगी और बोली, "अभय, मैं तो सॉरी बोलने के लायक भी नहीं हूँ।" अभय ने उसे समझाते हुए कहा, "साक्षी, तुम्हारी कोई गलती नहीं है। तुम बहुत भोली हो, किसी की भी बातों में आ जाती हो। चलो यहाँ से।" जाते हुए भी अभय ने ऋषि को जोर का एक पंच मारा।
फिर साक्षी का हाथ पकड़कर बड़े प्यार से कहा, "एक खुशखबरी है। मेरा प्रमोशन हो गया है। कंपनी की तरफ से मुझे कार और बंगलो मिला है। और मैं कल अपनी माँ को लेकर तुम्हारा हाथ माँगने तुम्हारे घर आ रहा हूँ।" इसके बाद उसने अपनी जेब से रिंग निकाली और सुंदर अंदाज में कहा, "मैडम, आपको यह रिश्ता मंजूर है?" साक्षी तो बस अभय के सच्चे प्यार में डूब गई।
संदेश
"Love और Attraction" कहानी से हमें बहुत गहरी सीख मिलती है। यह दुनिया की हर लड़की के लिए सबक है कि सच और झूठ के अंतर को समझना चाहिए। जो बहुत ज्यादा मीठा हो, जरूरी नहीं कि वो तुम्हारे लिए अच्छा हो। क्योंकि असर तो कड़वी दवाइयों का ही होता है।
अभय का नेचर कुछ अलग था, और साक्षी अभय के सच्चे प्यार को समझ नहीं पाई। अभय को अवॉइड करके वह ऋषि की मीठी-मीठी बातों की तरफ अट्रैक्ट हो रही थी। कई बार ज्यादा केयर दिखाने वाले लोग गहरा धोखा दे जाते हैं। इसलिए "Love और Attraction" कहानी लड़कियों के लिए अवेयरनेस है।
दुनिया में ऋषि जैसे लड़के बहुत हैं, जो लड़कियों को केवल खिलौना समझते हैं। तो सावधान! किसी ऐसे रिलेशन के अट्रैक्शन से दूर रहना चाहिए। और दूसरी तरफ अभय, जो जिम्मेदारियों और सच्चाई से भरा एक अच्छा इंसान है। वह दिखावा नहीं करता, दिल का साफ है। यदि ऐसा इंसान आपकी जिंदगी में है, तो आपसे बड़ा खुशकिस्मत इस दुनिया में कोई नहीं होगा।
सार
"Love और Attraction" की कहानी से सीखिए कि अभय जैसा जीवनसाथी होना सौभाग्य की बात होती है। किसी झूठ के पीछे मत भागिए। सच को पहचानिए। सच्चे रिश्ते को पहचानने की कोशिश करें और अट्रैक्शन के धोखे के जाल से बचें।