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योग्यता की परीक्षा
कदम कदम पर दुनिया में परीक्षा है। हर तरफ सवाल है ताने हैं। अगर आप कुछ अच्छा कर रहे हो तब भी आपको
कदम कदम पर दुनिया में परीक्षा है। हर तरफ सवाल है ताने हैं। अगर आप कुछ अच्छा कर रहे हो तब भी आपको सुनना पड़ेगा और नहीं कर रहे हो तब भी आपको सुनना पड़ेगा।
दिव्या जो हर तरह से योग्य है काबिल है शिक्षित है फिर भी उसे अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए संघर्ष की भट्टी में जलना पड़ा हमेशा से लोगों ने उसे ताने तो दिए ही की पढ़ लिखकर क्या कर लिया अब जब वह सफल है कामयाब है इतना बड़ा बिजनेस चला रही है तब भी लोग कह रहे हैं कि कैसे हैंडल करेगी क्या करेगी इतना बड़ा बिजनेस कैसे चलाएगी। दुनिया में हर तरफ बस आपकी योग्यता की परीक्षा है। और यहां सब लोग दिव्या से प्रश्न भी करते हैं कि तुम शिक्षित हो योग्य हो फिर तुम्हें सफल होने में इतना समय क्यों लगा। जिसका उत्तर परिस्थिति और समय है। इस बात को सबको समझना पड़ेगा कि हर व्यक्ति अलग है उसकी परिस्थिति अलग है सबको सब कुछ समय पर नहीं मिलता । और दिव्या इस बात को अच्छी तरह से समझती थी इसलिए उसने अपना धैर्य नहीं खोया वह अड़ी रही वह डटी रही और हजार तानों के बावजूद भी उसने हार नहीं मानी और अपने लक्ष्य तक पहुंच गई।
दोस्तों यह कहानी हमारे लिए बहुत बड़ी सीख है योग्यता की परीक्षा तो कदम कदम पर होती है परंतु आपको हारना नहीं है ।